Karpoori Thakur Biography: हमारे देश भारत में बहुत सारे राजनितिक नेता हुए जिन्हे आज भी लोग याद करते हैं, क्योकि इन नेताओ ने अपने राजनितिक कार्यकाल के समय लोगो के बीच बहुत अच्छा प्यार कमाया था। इसी तरह भारतीय राजनीती के लोकप्रोय राजनेता कर्पूरी ठाकुर का नाम आज भी लोगो के बीच में लिया जाता हैं, और अब तो कर्पूरी ठाकुर को भारत सरकार द्वारा भारत रतन का भी पुरुस्कार दिया जाने वाला हैं।
Karpoori Thakur Biography
कर्पूरी ठाकुर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता थे जो बिहार के एक क्षेत्रीय राजा थे। उनका जन्म 24 दिसंबर 1889 को हुआ था और उनका पूरा नाम वीर कुँवर सिंह था। कर्पूरी ठाकुर ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपनी जीवन की शुरुआत से ही समर्पित कर दी थी।
कर्पूरी ठाकुर ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ समर्थन जुटाया और उन्होंने बिहार के लोगों को भी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कई बार ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सत्याग्रह किया और अपने बच्चों को भी इस संग्राम में शामिल किया।
कर्पूरी ठाकुर ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया और उनकी राजनीतिक जीवनशैली में आम जनता के प्रति समर्पण की भावना थी। उन्होंने गाँधीवादी विचारधारा को अपनाया और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपनी सख्त आंदोलन भूमिका में अपने सैन्य को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कर्पूरी ठाकुर को “बिहार केसरी” कहा जाता है, जो उनके प्रशासनिक कुशलता और राजनीतिक साहस को दर्शाता है। उन्होंने अपने जीवन में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सख्त स्थान बनाया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका के लिए सम्मानित किया गया। उनकी मृत्यु 26 फरवरी 1938 को हुई थी, लेकिन उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में बसी हैं।
कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बारी मुख्यमंत्री रहे हैं और इनके समय में बिहार के लोग इन्हे “जननायक” कहा करते थे, क्योकि कर्पूरी ठाकुर जैसा मुख्यमंत्री लोगो ने उस समय से पहले कभी भी नहीं देखा था। कर्पूरी ठाकुर एक बहुत ही सहज और सरल राजनेता थे, जो लोगो के दिलो में वस्ते थे।
पर आज ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो Karpoori Thakur Biography के बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं, ताकि उन्हें कर्पूरी ठाकुर के बारे में जानकारी हासिल हो सके। इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको Karpoori Thakur Biography के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं, जिससे आपको कर्पूरी ठाकुर के बारे में सभी चीजे पता लगेंगी।
कौन थे Karpoori Thakur?: Karpoori Thakur Biography
Karpoori Thakur भारत में बिहार राज्य के दो बार के मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने दोनों बार ही अपना मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं किया हैं। इनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर में एक नाई परिवार में हुआ था। कर्पूरी ठाकुर के जन्म के समय भारत गुलाम देश था, इसी कारण जब कर्पूरी बड़े हुए तो इन्होने 1942 में महात्मा गाँधी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया ताकि ये भी भारत की आज़ादी में अपना योगदान दे सके।
आंदोलन का रास्ता चुनने के कारण कर्पूरी ठाकुर को अंग्रेज़ो के राज में कई बार जेल भी जाना पड़ा था, पर कर्पूरी इन चीजों से कभी भी नहीं डरे थे। इसके बाद आजाद भारत में इन्होने साल 1952 में बिहार से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमे इन्हे जीत हासिल हुई और इसके बाद कर्पूरी हमेशा आजीवन के लिए किसी न किसी सदन का हिस्सा बने रहे।
कर्पूरी ठाकुर अपने सादगी के कारण लोगो के बीच में लोकप्रिय थे, अपने पुरे जीवन में कर्पूरी जी के पास कई अहम् पद थे पर इसके बावजूद इन्होने कभी भी अपने लिए कोई घर, गाडी नहीं खरीदी। यहाँ तक कि इनके पास कोई पैतृक जमीन भी नहीं थी, और अपने पुरे जीवन काल में कर्पूरी जी ने हमेशा सचाई और ईमानदारी का रास्ता ही अपनाया।
Karpoori Thakur Biography Overview
Real Name | Karpoori Thakur |
Profession/Occupation | Teacher, Freedom Fighter, Politician |
Surname | Thakur |
Religion | Hindu |
Born | 24 January 1924 |
Birthplace | Samastipur, Bihar |
Died | 17 February 1988 (aged 64) |
Wife/Spouse | Phulmani Devi |
Awards | Bharat Ratan (2024) |
दो बार रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री
कर्पूरी ठाकुर जी आज़ाद भारत में बिहार के पहले गैर कोंग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे, पर इन्होने एक बार भी अपना मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं किया था। पहली बार कर्पूरी ठाकुर साल 1970 दिसंबर से लेकर जून 1971 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे, और इस समय इन्होने सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिलाने का अपना काम पूरा किया था।
इसके बाद दूसरी बार कर्पूरी ठाकुर जनता पार्टी की तरफ से स साल 1977 जून से लेकर अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रहे थे। अपने पुरे जीवनकाल में कर्पूरी ठाकुर जी ने कांग्रेस पार्टी और परिवारवाद का बहिष्कार किया था जिसके कारण कहा जाता हैं कि कांग्रेस पार्टी ने कर्पूरी जी को चोट पहुंचाने के लिए कई प्रयास किये थे।
कर्पूरी ठाकुर को अपने जीवन में मुख्यमंत्री जैसे कई बड़े पद मिले थे, पर अपने पुरे जीवन में वो हमेशा सादा और सरल बनकर रहे थे, और लोगो की हमेशा बात सुनते थे। इसी कारण कर्पूरी जी लोगो के बीच में “जननायक” के नाम से लोकप्रिय हो गए थे।
किए गए भारत रत्न द्वारा सम्मानित
कर्पूरी ठाकुर का पूरा जीवन और उनका राजनैतिक करियर बहुत ही प्रेणादायक और बेहद शानदार हैं, यही कारण हैं कि इस बार 24 जनवरी 2024 के दिन जब कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती लोगो द्वारा मनाई जा रही थी तो भारत की मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देकर सम्मानित किया हैं।
आपको यह भी बता दें कि कर्पूरी ठाकुर जी का 17 फरवरी 1988 को दिल के दौरे के कारण इनका निधन हो गया था और इस समय इनकी उम्र 64 साल की थी।
हम आशा करते हैं कि इस आर्टिकल से आपको Karpoori Thakur Biography के बारे में जानकारी मिल गयी होगी, इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी Karpoori Thakur Biography की जानकारी हासिल हो सके।
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